अखिर क्यों ओवैसी ने खुद को लैला और सीएम योगी को बताया मजनू …..
साल 2022 में होने वाले उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों में जोर आज़माइश शुरू हो गयी है। इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी तैयारी में जुट गए हैं। गुरूवार को ओवैसी प्रदेश के मुरादाबाद-संभल दौरे पर थे। जहां उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने खुद को लैला और सीएम योगी आदित्यनाथ को मजनू बताया है।
दरअसल ओवैसी ने लैला-मजनू मामले को स्पष्ट करते हुए दिलचस्प अंदाज में कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने हर एक इंटरव्यू में ओवैसी के मजनू बन चुके हैं और अपनी लैला को याद करते हैं। इसके साथ ही ओवैसी ने प्रदेश सरकार पर पलटवार करते हुए कहा है कि सीएम ने यूपी की जनता को धोखा देने का काम किया है। ओवैशी ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछने के अंदाज में आंकाड़ो का हवाला देते हुए कहा है कि क्या ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में 40 फीसदी की कमी नहीं है? क्या पीएचसी की 49 फीसदी कमी और सीएचसी की 53 फीसदी कमी है या नहीं है? इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा है कि वर्तमान में जो सीएचसी हैं भी वहां 84 फीसदी अनुभवी डॉक्टरों की कमी है।
प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मसले पर ओवैसी ने योगी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में रूल आफ ला के बजाय रूल बाई गन चल रहा है। ओवैसी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश की जेलों में हत्याऐं हुई हैं। जबकि कोविड में जनता की हालत यतीमों जैसी हुई। युवा बेरोजगार और किसान परेशान है। ओवैसी ने कहा है कि आगामी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार की नाकामी बड़ा मुद्दा बनेगी। वहीं आतंकी गतिविधियों को लेकर हुई गिरफ्तारी पर ओवैसी ने कहा कि कोर्ट में बेकसूर साबित होने पर आरोप लगाने वाले माफी मांगेंगे।